Sunday, 10 November 2013

सेकुलर ..... कौन चिड़िया है ........

आज-कल , यहाँ -वहाँ , जहाँ देखो वहीँ  एक ही बात सेकुलर , सेकुलर ..... अंत में एक दिन मैंने सोचा कि ये साला सेकुलर आखिर किस चिड़िया का नाम है । अपने एक  विद्वान   मित्र से पूंछा कि मान्यवर ये सेक्युलर मतलब होता क्या है ? फिर वो बड़े दार्शनिक अंदाज में बोले कि भाई आज सेकुलर का मतलब है जो जितना  उद्दंड है उतना ही सेकुलर है । मैंने कहा कि भाई इसका मतलब तो सबसे ज्यादा सेकुलर इस समय दिग्विजय बाबू हैं , क्योंकि हर उस मामले में जिससे सरकार और समाज का वास्ता पड़ता है उसमे दिग्गी राजा  इन्वॉल्व रहते हैं । कुछ समय पहले इसके अधिकारी थे बेनी बाबू जो पहले से ही समाजवादी थे बाद में देश कि पुरातन पार्टी का झंडा थामने के बाद और ज्यादा सेकुलर हो गए थे । दोस्त ने कहा यकदम बडबकै हो तुम , समझते नहीं इस समय सेकुलर मतलब "नमो " , और कोई नहीं ......। यहीं मै निरुत्तर हो गया , लेकिन फिर बोला कि कैसे ?

मित्र ने कहा कि इस वक्त देखो देश में सारी  पार्टियां  2014 के लिए किस से लड़ रही हैं , मैंने कहा कि सभी एक दूसरे से लड़ रही हैं , दोस्त ने कहा कि नहीं , सभी सिर्फ मोदी से लड़ रही है , और मोदी से बड़ा देशभक्त और सेक्युलर कोई नहीं है इस वक्त । 
 मैंने कहा भाई  ऐसे तो नहीं होता खासतौर पर इस देश में , मैंने कहा कि जहाँ तक मै  समझता हूँ कि "इस देश में किसी पार्टी  कार्यकर्ता होना और देशभक्ति के नाम का ढिंढोरा पीटने से ही नहीं होता कि आप सेक्युलर हैं ..... मेरी समझ से सेक्युलर होना एक अच्छा इंसान होना होता है जो अच्छे काम करे और वो काम समाज के किसी काम आये .........

मेरी इस बात के बाद मेरे मित्र ने कहा कि भाई ऐसा है चलो पहले कही ठंडा पिलाओ बड़ी गर्मी हो रही है ... इसके बाद हम लोग चल पड़े पीने ......................ठंडा , क्योंकि गर्मी वाकई बढ़ गयी थी ..................


बकैतबाज ......