हिंदी का सम्मान ………………।
हिंदी तुम हो राष्ट्र का मान ,तुम हो सर्व समाज की शान ..!!
तुमसे ही है समाज की धारा ,
तुमसे है कल और आज हमारा ..!!
हिंदी का जब से ज्ञान हुआ ,
तब से सब आसान हुआ ...
क्या लिखना ,पढ़ना क्या बोलें ,
इसी से सब सम्मान हुआ !!
तब से सब आसान हुआ ...
क्या लिखना ,पढ़ना क्या बोलें ,
इसी से सब सम्मान हुआ !!
जबसे संस्कार में तुम आई ,
तबसे ज्ञान की ज्योति पायी ..
हिंदी से सबका है चलना ,
उठ के चलना और पकड़ना ..
तबसे ज्ञान की ज्योति पायी ..
हिंदी से सबका है चलना ,
उठ के चलना और पकड़ना ..
मगर हाय !
ये कैसी "मॉडर्न ता "...
भेड़ चाल में भूल गए मौलिकता ..
हिंदी से न रही नैतिकता ,
भूल गए सारी सार्थकता ..
भेड़ चाल में भूल गए मौलिकता ..
हिंदी से न रही नैतिकता ,
भूल गए सारी सार्थकता ..
भाषा के सम्मान हेतु ,
चलो बनाएं एक सेतु ,
प्राच्य काल के इस जननी का
हो उद्धार करें ऐसा कुछ !!
सर्व जन और सर्व सुलभ हो
हिंदी की ऐसी सदगति हो ,
भाषा के सदा उत्थान के लिए ,
फिर से नया एक मार्ग बनाये ...!!!
चलो बनाएं एक सेतु ,
प्राच्य काल के इस जननी का
हो उद्धार करें ऐसा कुछ !!
सर्व जन और सर्व सुलभ हो
हिंदी की ऐसी सदगति हो ,
भाषा के सदा उत्थान के लिए ,
फिर से नया एक मार्ग बनाये ...!!!
.........आज हिंदी दिवस पर भावनाएं समर्पित !!!!!!
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