Friday, 16 May 2014

लोकतंत्र महासमर का अंत , नए भारत की शुरुआत ……

लोकसभा चुनावों में मोदी की सुनामी  पर सवार बीजेपी ने 30 साल का रिकॉर्ड  तोड़ते हुए अपने दम पर बहुमत हासिल कर लिया है। और अब ऐसा कहा जा रहा है की " अच्छे दिन आ गए" , प्रचंड जीत के बाद मोदी ने बड़ोदरा की धन्यवाद जनसभा में जिस भाव के साथ विश्वास दिलाया तो एक बार को लग रहा है , शायद अब वाकई अच्छे दिन वाले हैं , सच पूछिये तो इस  प्रचंड बहुमत  की आशा बी जे पी और मुकम्मल हिन्दुस्तान को  भी नहीं था । लेकिन इन चुनावों ने एक बार फिर दिखाया की जनता वाकई बदलाव चाहने के साथ अब एक बहुमत वाली सरकार चाहती है , ऐसा पिछले विधानसभाओं के चुनावों में देखा जा चुका है , और अबकी एक स्थाई सरकार देकर इसको फिर से सिद्ध कर दिया ।

बड़ोदरा की जनसभा में मोदी ने कहा ''अब तक ज़्यादातर नेतृत्व उन लोगों के पास था, जो आज़ाद हिंदुस्तान में पैदा नहीं हुए थे" ,उन्होंने कहा, ''आज पहली बार आज़ाद हिंदुस्तान में पैदा होने वाले नेतृत्व के हाथ में सरकार की बागडोर आई है. पता नहीं इस पर राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान गया है नहीं" , इस सरकार के गठन और चुनावों पर विश्व भर की नजरें टिकी थीं ।
इन चुनावों में कई राजनितिक बदलाव भी देखने को मिले और शायद ये अच्छे राजनीतिक परिदृश्य के लिए अच्छा भी हो सकता है ,पूर्व सेनाध्यक्ष वी के सिंह कुछ दिन पहले ही बीजेपी में शामिल हुए थे और  गाजियाबाद से उन्हें शानदार जीत मिली। इसी तरह मुंबई के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने मोदी की लहर थामकर दिग्गज अजित सिंह को धूल चटा दी। बीजेपी के इन नए नेताओं के अलावा बड़े नेताओं ने भी अपनी सीटों पर दबदबा बनाए रखा है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ ऐतिहासिक उम्मीदें भी जुड़ी हैं।

सिर्फ इंडस्ट्री, बाजार और इकॉनोमी की नहीं बल्कि उन करोड़ो लोगों की जिन्होंने नरेंद्र मोदी में अपना भरोसा दिखाया है। जिन्होंने बीजेपी के लिए वोट नहीं किया, उनकी भी उम्मीदें होंगी की ये सरकार अपने वादे पूरा करेगी।


अब ये आगे आने वाले समय में पता चलेगा की " मोदी सरकार " के वादे धरातल पर कितने और कैसे आते हैं , क्योंकि ये जनता है जो ''अर्श से फर्श'' दोनों का स्वाद देती है ।



--पुरबिया बकैतबाज--

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