Sunday, 1 June 2014


एक और पीपली लाइव जारी है .......


बात कहने के पहले यहाँ पीपली लाइव का नाम इस लिए आया क्योंकि मौजूदा ''एक प्रदेश'' की सरकार के  ''उत्तम प्रदेश'' में  अक्सर पीपली लाइव देखने को मिल रहे हैं और यही इस प्रदेश का दुर्भाग्य भी है ।  
सरकारी मरहम कैसा होता है क्या आपको पता है , शायद पता हो अगर नहीं पता तो जान लीजिये चंद रुपयों की सोंधी महक सरकारी मरहम होता है , इसके बारे में तब और ज्यादा पता चलता है  जब कहीं अनहोनी हो जाती है , जैसा कुछ इस वक्त बदायूं के कटरा सआदतगंज मे हो रहा है , पिछले 28 से वहाँ का मंजर किसी फिल्मी ''पीपली लाइव''  जैसा ही है , जहाँ सफेदपोश और लालफीताशाह अपनी हाजिरी लगाने के लिए  दस्तक दे रहे हैं ,और इसके साथ ही उस मुलाकातों का लाइव विश्लेषण यानी "पोस्टमार्टम''  भी अनवरत जारी है  ,क्योंकि  घटना थी दो बहनो की अस्मत लूटने के बाद की गयी जघन्य हत्या की । 


इस घटना ने जहाँ भारतीय मीडिया को एक मुद्दा दे  दिया था वहीं अंतर्राष्ट्रीय मीडिया भी इस खबर को जबरदस्त मुद्दा बनाकर कवर कर रही है  ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस घटना को भयावह माना  है  ,  इस घटना की वीभत्स्ता आप इस अंदाजन लगाइये की दो बहनो के साथ पहले तो गैंगरेप होता है {जैसा की अब ख़बरेंआई  हैं}  आरोपियों ने जुर्म कबूला है और फिर इन लड़कियों की हत्या की जाती है , फिर इसके बाद भी दरिंदो का जी नहीं भरा तो इन्होने उनके शव को पेड़ से लटका दिया , आप अगर इस घटना के वीडियो फुटेज को देखें तो यकीनन आप एक पल को सिहर जरूर जायेंगे  , और उनके सामने बैठे हैं इस घटना का दंश झेलने वाले परिवारीजन और गाँव वाले । इस घटना का  वहशियाना अंदाज इस घटना को कहीं और इशारा करता है , क्योंकि सामान्यतया किसी कामांध व्यक्ति का जुर्म इस कदर, और इतना करने की हिम्मत नहीं देता । 

इस घटना के बाद सूबे की कानून व्यवस्था को लेकर समाजवादी पार्टी की सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर बनी हुई है।  देश के तमाम बड़े नेता एक-एक करके बदायूं पहुंच कर पीडित परिवार से मिल रहे हैं।  शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और निर्वतमान लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार पीडित परिवार से मिलने गई। 
तो रविवार को बसपा प्रमुख मायावती, सपा सांसद धर्मेद्र यादव पीडित परिवार से मिले।  मायावती ने पीडित परिवार को न्याय दिलाने के लिए धरने पर बैठने तक की धमकी दे दी।  करीब सात वर्षों से किसी भी पीडित व्यक्ति का दुखदर्द जानने के लिए लखनऊ और दिल्ली से बाहर ना जाने वाली मायावती के इस ऐलान के बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आयी और अगले दिन  केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बदायूं जाने का कार्यक्रम बन गया है । 
इसके अलावा भाजपा सांसदों के नेतृत्व में भी एक प्रतिनिधिमण्डल पीडि़त परिवार से रविवार को मिला ।  इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेज दी है ।  सूत्रों का कहना है कि पीएम को भेजी गई रिपोर्ट में पुलिस की कार्रवाई पर तमाम तरह के सवाल खड़े किए गए हैं ।  इसके अलावा प्रदेश सरकार पर इस मामले को हल्के में लेने का आरोप लगाया गया है।  सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव तथा डीजीपी एएल बनर्जी और प्रमुख सचिव गृह अनिल गुप्ता के बदायूं ना पहुंचने पर बदायूं पहुचे नेताओं ने नाराजगी भी जतायी है।  

दबाव में ही सही, पर अब उत्तर प्रदेश सरकार भी पीड़ितों को न्याय दिलाने को तैयार है। प्रदेश सरकार सीबीआई जाँच कराने को भी राजी हो गई है, जिसके अच्छे परिणाम आने की आशा व्यक्त की जा सकती है, लेकिन फिलहाल गाँव व क्षेत्र के लोगों के चेहरों पर यह सब देख कर अलग तरह के ही भाव हैं। गाँव में देश के नहीं, बल्कि विदेश के मीडिया कर्मी भी मौजूद हैं, जिनमें महिलायें भी शामिल हैं। लग्जरी गाड़ियों का बेड़ा खड़ा है। वीवीआईपी के चलते अत्याधुनिक सुरक्षा कवच है। तमाम चैनलों की टीम मौके से लाइव प्रसारण कर रही है, जिसे देख कर गाँव व क्षेत्र के अधिकांश लोगों में कोई स्तब्ध हैं, कोई रोमांचित है, कोई और दुखी है, कोई खुश है, तो कोई विचार शून्य अवस्था में सिर्फ नजारा देखता ही नज़र आता है। न्यायालय में क्या होगा, यह तो आने वाले दिनों में ही साफ हो पायेगा, पर यह घटना यहाँ सदियों तक याद की जाती रहेगी।


लेकिन इन सब के बाद भी एक सवाल तो ये रह ही जाता है कि आज अगर मीडिया इस घटना को खबर न बनाती तो ये घटना उत्तम प्रदेश के शोर में न जाने कहा खो जाती पता नहीं चलता और ऐसे ही हम यानी सत्ता शीर्ष  विकास के नाम की, और महिला सुरक्षा के हवाई किले बनाते रहते । इस घटना में एक पहलू ये भी हुआ जहाँ पीड़ित पिता ने कहा की उसे मरहम यानी मुआवजा नहीं न्याय चाहिए , लेकिन उसे न्याय तो नहीं हाँ  न्याय की आशा जरूर मिली है । 

बात  वहीं ख़त्म करूँगा जहाँ सरकारी मरहम सबको नहीं मिलता लेकिन जिसको मिलता है उसको अच्छे के लिए भी नहीं मिलता और जहाँ मिलता है वहीं  बनता है "पीपली लाइव''  …………… 


''पुरबिया बकइतबाज'' ....

  

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