चुप तुम रहो , चुप हम रहें , ख़ामोशी को ख़ामोशी से ..........
गुरु जी हमेशा की तरह आज भी चुप थे ऐसा लग रहा था गोया आज मौनी अमावस्या है , मुझे उनकी चुप्पी बड़ी अखर रही थी तो मैंने उनसे पूंछ ही लिया की आखिर इस "मौन" का कारण क्या है .... पहले तो कुछ देर शांत रहे फिर सुकरात और आधुनिक मौनी बाबा मौनमोहन सिंह के अंदाज में बोले की "हजार जवाबो से बेहतर है मेरी ख़ामोशी,न जाने कितने सवालो की आबरू रखी " .....
मैंने कहा की क्या हो गया गुरु जी अभी नहीं समझा क्या तात्पर्य है आपके इस ख़ामोशी का .... फिर गुरु बोले अरे यार ये धोनिया चला गया लन्दन और अभी भी कुछ नहीं बोल रहा आखिर इसके ख़ामोशी के पीछे का बांस कौन लगाया है , समझ नहीं पा रहा हूँ , और इधर जब मेरे और गुरु के बीच संवाद चल ही रहा था तो हमारे "मौनमोहन सिंह" जी ने फिर चुप्पी तोड़ी कहा की आई पी एल का खेल भावनाओ से जुड़ा है और खेल में राजनीति नहीं होनी चाहिए , खेल और राजनीति को दूर रखना चाहिए ..... उन्ही के पीछे क्रिकेट के भगवान् ने भी अपनी बेमिसाल चुप्पी तोड़ी और वो भी तब जब उन्होंने आई पी एल को अलविदा कर दिया , सचिन ने कहा की ताज़ा फिक्सिंग के विवाद से उनको बहुत धक्का लगा है क्रिकेट के बारे में पिछले कुछ समय से जो बाते हो रही हैं वो खराब कारणों से हो रही हैं क्योंकि जितनी कंट्रोवर्सी है उनसे केवल बदनामी ही हो रही है ....
मनमोहन सिंहके इस बयान के बाद कि "खेल में सियासत को मिलाना ठीक नहीं "लेकिन इस बयान के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि हमारे देश में क्रिकेट संघों में सियासत के बड़े-बड़े मठाधीश बैठे हैं ......
इधर इन सभी घटनाओं के बीच हमारे कांग्रेसी युवराज राहुल भी नाराज चल रहे हैं इन सारे विवादों से आईपीएल में फिक्सिंग को लेकर छिड़े विवाद के बीच पहली बार राहुल गांधी की राय सामने आई है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी इस पूरे विवाद से बेहद नाराज हैं. इसी वजह से खेल मंत्री जीतेंद्र सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुलेआम श्रीनिवासन के इस्तीफे की मांग की थी. इतना ही नहीं राहुल गांधी राजीव शुक्ला की भूमिका से भी नाराज हैं, वो नहीं चाहते कि राजीव शुक्ला दोबारा आईपीएल के साथ जुड़ें. हालांकि खुद राजीव शुक्ला भी कह चुके हैं वो दोबारा आईपीएल के चेयरमैन नहीं बनना चाहते. ...
अब मैंने कहा की गुरु जी अभी आगे देखिएगा कितने लोगो की चुप्पी टूटती है , लिहाज आपकी चुप्पी भी बहुत बड़ा विवाद का कारण बन सकता है , इसलिए आप खामोश न रहिये , करते रहिये बकैती , बकैती जारी है ..............
बकैतबाज .....